Ayurvedic upchar

 

Joint pain, arthritis, rheumatism, gout, sciatica, paralysis and bone weakness


* बहुत से व्यक्ति जॉइन्ट पैन, गठिया, संधिवात, आमवात, वातरक्त, साइटिका, लकवा और हड्डियों की कमजोरी आदि के लिए शक्तिशाली योग बनाए और लाभ प्राप्त करें।*


🔹 वृहद वात चिंतामणि रस - 500 mg

🔹 शुद्ध कुचला चूर्ण - 500 mg

🔹 महायोगराज गुग्गुलु - 20 ग्राम

🔹 लक्षादी गुग्गुलु - 15 ग्राम

🔹 त्रयोदशांग गुग्गुलु - 15 ग्राम

🔹 अभ्रक भस्म (शतपुटी) - 3 ग्राम

🔹 गोदंती भस्म - 3 ग्राम

🔹 शुद्ध शिलाजीत - 5 ग्राम

🔹 अश्वगंधा चूर्ण - 10 ग्राम

🔹 गिलोय सत्व - 5 ग्राम

🔹समीर पन्नग रस 500mg

🔹रासना चुर्ण 5ग्राम 

🔹शंख भस्म 5ग्राम 


👉 सभी औषधियों को अच्छी तरह पीसकर महीन चूर्ण बना लें और एकसार कर लें।


👉 इसे कांच या मिट्टी के पात्र में सुरक्षित रखें।


👉 छोटे 250 mg (2 रत्ती) की गोलियां बना सकते हैं या चूर्ण रूप में भी रख सकते हैं।


*💊 सेवन विधि*


🔸 1 गोली (250 mg) सुबह-शाम, भोजन के बाद गुनगुने दूध या गर्म पानी के साथ लें।


🔸 तीव्र दर्द में – साथ में अश्वगंधा अर्क 10 ml और दशमूलारिष्ट 10 ml लें।


🔸 अधिक वात विकार या सूजन हो तो – इसे रास्नादी क्वाथ 20 ml के साथ लें।


*🌿 औषधि के लाभ*


✅ गठिया, संधिवात, आमवात, वातरक्त, साइटिका, लकवा और हड्डियों की कमजोरी में अत्यंत प्रभावी।


✅ वात दोष का शमन कर जोड़ों की सूजन व दर्द को कम करता है।


✅ तंत्रिका तंत्र को बलवान बनाकर शरीर में ताकत लाता है।


✅ अस्थि मज्जा को पोषण देकर हड्डियों को मजबूत करता है।


*⚠️ सावधानियां और निषेध*


🔴 किसे नहीं लेनी चाहिए?

❌ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं – कुचला व अन्य भस्मयुक्त औषधियां गर्भ पर प्रभाव डाल सकती हैं।


❌ हृदय रोगी और उच्च रक्तचाप (BP) के मरीज – वृहद वात चिंतामणि रस और शिलाजीत BP को प्रभावित कर सकते हैं।


❌ अत्यधिक गर्म प्रकृति वाले व्यक्ति – जिन्हें पहले से ही शरीर में जलन, अत्यधिक गर्मी, या पित्त दोष की समस्या है।


❌ गंभीर जिगर (लीवर) व गुर्दे (किडनी) की समस्या वाले व्यक्ति – शुद्ध कुचला व धातु भस्म यकृत व वृक्क पर प्रभाव डाल सकती हैं।


❌ 12 वर्ष से छोटे बच्चों के लिए नहीं – उनकी पाचन अग्नि और शरीर पर इसका प्रभाव अधिक हो सकता है।


*📌 परहेज*


 *खाने में ध्यान दें:*


❌ खट्टे, तले-भुने और ठंडी चीजों से बचें।


❌ अधिक ठंडी हवा या ठंडे पानी से स्नान न करें।


❌ अत्यधिक शारीरिक परिश्रम से बचें।cp


✔️ ताजा, सुपाच्य और वातहर भोजन करें (उड़द दाल, बासी भोजन, फास्ट फूड न लें)

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