Pain: कारण, सावधानियाँ और आयुर्वेदिक उपचार" "कमर दर्द से राहत कैसे पाएं? जानिए सम्पूर्ण समाधान"

 कमर दर्द (Pain) आज के समय में बहुत आम समस्या है, जो उम्र, जीवनशैली, पोषण की कमी, गलत बैठने के तरीके, ज्यादा वजन, नसों की कमजोरी या किसी रोग (जैसे सायटिका, स्लिप डिस्क, गठिया आदि) के कारण हो सकता है। आयुर्वेद में इसे "कटिशूल", "त्रिकशूल" या "वातजन्य वेदना" कहा जाता है और इसका मुख्य कारण वात दोष माना गया है।

यहाँ आयुर्वेद में कमर दर्द के लिए संभावित उपचारों का विस्तार से विवरण है:

🌿 1. औषधीय उपचार (Herbal/Ayurvedic Medicines)

✅ आंतरिक औषधियाँ (Internal Medicines):

 •महायोगराज गुग्गुलु– वात दोष को शांत करता है, जोड़ों व नसों के दर्द में लाभकारी।

•त्रयोदशांग गुग्गुलु – कमर और पैर के दर्द, सायट\दशमूल क्वाथ/अरिष्ट – वातशामक, सूजन व दर्द में राहत देता है।

अश्वगंधा चूर्ण – बलवर्धक व वातनाशक।

रास्नादी क्वाथ – शरीर के वात रोगों में विशेष लाभदायक।

अभयारिष्ट / अश्वगंधारिष्ट – कमजोरी, गैस और वात समस्याओं के कारण होने वाले कमर दर्द में लाभकारी।

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🌿 2. बाह्य उपचार (External Therapies)


✅ पंचकर्म चिकित्सा:

1. कटि बस्ती – यह एक विशेष चिकित्सा है जिसमें कमर पर आटे की रिंग बनाकर उसमें गर्म तेल (जैसे दशमूल तैल, महा नारायण तैल) रखा जाता है। इससे वात दोष शांत होता है और नसों की जकड़न व दर्द में राहत मिलती है।

2. अभ्यंग (तेल मालिश) – वातशामक तेलों से मालिश: महा नारायण तेल, दशमूल तेल, सहचर तैल, निरगुंडी तेल रोजाना सुबह-सुबह हल्के गर्म तेल से मालिश लाभकारी होती है।

3. स्वेदन (स्टीम/सुदर्शन पोटली सेक):

पोटली सेक (नाड़ी स्वेदन) – जड़ी-बूटियों की पोटली से सेक करना। निरगुंडी, अरंड के पत्ते, सैंधव नमक, एरंड मूल, वाचा आदि का उपयोग होता है।

4. बस्ती चिकित्सा (आयुर्वेदिक एनीमा): विशेष रूप से वात रोगों में उपयोगी।

•अनुवासन बस्ती (तेलयुक्त) और निर्हर बस्ती (क्वाथयुक्त) दोनों का प्रयोग होता है।

🧘‍♂️ 3. योग और आसन

कमर दर्द में कुछ विशेष योगासन बहुत लाभ देते हैं:

•भुजंगासन (Cobra Pose)

•शलभासन (Locust Pose)

•मकरासन (Crocodile Pose)

•सेतुबंधासन (Bridge Pose)

•वज्रासन में वज्र मुद्रा

> योग करते समय दर्द अधिक हो तो अभ्यास न करें। योग विशेषज्ञ की देखरेख में करें।

🍲 4. आहार-विहार (Diet & Lifestyle)

✔️ क्या करें:

•गरम पानी पिएं।

•हल्का सुपाच्य भोजन करें।

•अदरक, लहसुन, त्रिकटु, हींग आदि का सेवन करें।

•ज्यादा देर खड़े या बैठे रहने से बचें।

•ठंडी हवा या पानी से कमर को बचाएं।

❌ क्या न करें:

•अत्यधिक झुकने वाले कार्य न करें।

•गैस, कब्ज या अधिक तैलीय भोजन न करें।

•भारी वजन उठाने से बचें।

🔍 5. कुछ घरेलू उपाय

•लहसुन का तेल: 8-10 लहसुन की कलियों को सरसों/नारियल तेल में पकाकर ठंडा करके रोजाना कमर पर मालिश करें।

•गुनगुना नमक पानी में स्नान: इससे मांसपेशियाँ ढीली होती हैं।

•हल्दी-दूध: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।


✅ निष्कर्ष (Conclusion)

कमर दर्द का आयुर्वेद में उपचार जड़ से इलाज करने पर आधारित होता है, जिससे केवल दर्द ही नहीं बल्कि उसका कारण भी ठीक किया जा सके। यदि दर्द लगातार बना रहे या बढ़ रहा हो, तो कुशल आयुर्वेदिक वैद्य से व्यक्तिगत परामर्श अवश्य लें।


                                  BY

                         DR.SHISHIR

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